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- August 1, 2023
- 10:27 pm
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Golden Temple, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है। यह भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है। Golden Temple को 16वीं शताब्दी में सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव ने बनवाया था। यह मंदिर एक चारदीवारी से घिरा हुआ है और इसके चारों ओर एक कृत्रिम झील है। मंदिर का गुंबद और दीवारें सोने से मढ़ी हुई हैं, इसलिए इसे Golden Temple कहा जाता है। Golden Temple सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और यह भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
इस मंदिर का निर्माण गुरु अर्जुन देव ने 1588 में शुरू किया था और यह लगभग 1604 में पूरा हुआ था। गुरु अर्जुन देव ने इस मंदिर को सभी धर्मों के लोगों के लिए एक साथ पूजा स्थल के रूप में बनाया था। उन्होंने कहा था कि सभी धर्मों के लोग इस मंदिर में आकर प्रार्थना कर सकते हैं और भगवान को याद कर सकते हैं। Golden Temple ने सिख धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मंदिर में कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं, जिनमें गुरु अर्जुन देव की हत्या और सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म शामिल है।
Golden Temple एक बहुत ही सुंदर मंदिर है। इसका गुंबद और दीवारें सोने से मढ़ी हुई हैं और यह चारों ओर से एक कृत्रिम झील से घिरा हुआ है. मंदिर परिसर में एक विशाल रसोई भी है, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। Golden Temple एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र है।
Golden Temple कहां है ?
Golden Temple, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है। यह सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है. स्वर्ण मंदिर को 16वीं शताब्दी में सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव ने बनवाया था। यह मंदिर एक चारदीवारी से घिरा हुआ है मंदिर का गुंबद और दीवारें सोने से जड़ी हुई हैं, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाता है। स्वर्ण मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और यह भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

Golden Temple के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारियां
- Golden Temple, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है।
- यह मंदिर भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है।
- इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव ने बनवाया था।
- मंदिर का गुंबद और दीवारें सोने से मढ़ी हुई हैं, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाता है।
- स्वर्ण मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और यह भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- स्वर्ण मंदिर को “पवित्र सरोवर” के नाम से भी जाना जाता है।
- मंदिर के चारों ओर एक झील है, जिसे “सरवर-ए-अमृतसर” कहा जाता है।
- इस झील में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है।
- Golden Temple में हर दिन हजारों लोग पूजा करने आते हैं।
- मंदिर में एक विशाल रसोई भी है, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है।
- Golden Temple एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
Golden Temple का सांस्कृतिक महत्व
Golden Temple का सांस्कृतिक महत्व बहुत ही अधिक है। यह सिख धर्म के लिए एक पवित्र स्थल है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। Golden Temple में हर दिन हजारों लोग पूजा करने आते हैं। मंदिर में एक विशाल रसोई भी है, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। Golden Temple एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आशा का प्रतीक है।
Golden Temple सिख धर्म के सात पवित्र स्थानों में से एक है। यह सिखों के लिए एक ऐसा स्थान है जहां वे आकर भगवान के प्रति अपना समर्पण व्यक्त कर सकते हैं। Golden Temple एक ऐसा स्थान है जहां सिख एकता और शांति का संदेश फैला सकते हैं। Golden Temple एक ऐसा स्थान है जहां सिख अपने धर्म और संस्कृति को सीख सकते हैं। Golden Temple एक ऐसा स्थान है जहां सिख अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, और यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। Golden Temple को भारत सरकार ने 1986 में एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किया था.
Golden Temple का सांस्कृतिक महत्व इस प्रकार है:
- यह मंदिर सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है।
- यह मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए एक शांति और सद्भाव का प्रतीक है।
- यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
- यह मंदिर भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

Golden Temple के बारे में रोचक तथ्य
- Golden Temple का निर्माण 1588 में शुरू हुआ था और 1604 में पूरा हुआ था।
- मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया था और बाद में इसे सोने से मढ़ दिया गया था।
- मंदिर के चारों ओर एक झील है, जिसे ‘सरवर-ए-अमृतसर’ कहा जाता है।
- ऐसा माना जाता है, की झील में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- Golden Temple में हर दिन हजारों लोग पूजा करने आते हैं.
- मंदिर में एक विशाल रसोई भी है, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है।
- Golden Temple एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
- झील का पानी पवित्र माना जाता है और लोग इसे पीते हैं और उसमें स्नान करते हैं।
- Golden Temple में सभी धर्मों के लोगों के लिए भोजन मुफ्त है।
Golden Temple के दर्शन का महत्व
Golden Temple के दर्शन का महत्व सिख धर्म के लिए बहुत अधिक है। सिखों का मानना है कि Golden Temple सभी धर्मों के लोगों के लिए एक शांति और सद्भाव का प्रतीक है। Golden Temple में हर दिन हजारों लोग पूजा करने आते हैं और यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। स्वर्ण मंदिर को भारत सरकार ने 1986 में एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किया था।
Golden Temple के दर्शन का महत्व इस प्रकार है:
- यह मंदिर सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है।
- यह मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए एक शांति और सद्भाव का प्रतीक है।
- यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
- यह मंदिर भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
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Golden Temple घूमने का सबसे अच्छा समय
स्वर्ण मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का होता है। सुबह का समय मंदिर में शांति और सुकून का होता है और शाम के समय मंदिर रोशनी से जगमगाता है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले, आपको अपने जूते उतारने होंगे और सिर पर रुमाल बांधना होगा। मंदिर में प्रवेश करने के बाद, आप मंदिर के चारों ओर घूम सकते हैं और मंदिर के अंदर मौजूद पवित्र ग्रंथों को देख सकते हैं। आप मंदिर के अंदर मौजूद रसोई में भी जा सकते हैं, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है.
यदि आप स्वर्ण मंदिर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, आपको मंदिर की ड्रेस कोड का पालन करना होगा. मंदिर में प्रवेश करने से पहले, आपको अपने जूते उतारने होंगे और सिर पर रुमाल बांधना होगा। दूसरा, आपको मंदिर में किसी भी तरह की अश्लील या आपत्तिजनक बातें नहीं बोलनी चाहिए। तीसरा, आपको मंदिर में किसी भी तरह की फोटो या वीडियोग्राफी नहीं करनी चाहिए।
स्वर्ण मंदिर एक अद्भुत और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर सिख धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक शांति और सद्भाव का प्रतीक है। यदि आप भारत की यात्रा पर हैं, तो आपको स्वर्ण मंदिर को अवश्य देखना चाहिए।
Golden Temple के आसपास घूमने लायक जगह

वाघा बॉर्डर
वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित एक सीमा है। यह दुनिया की सबसे व्यस्त सीमाओं में से एक है और हर दिन लाखों लोग इस सीमा से होकर आते-जाते हैं। वाघा बॉर्डर का समारोह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और यह दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वाघा बॉर्डर समारोह हर दिन शाम को 5:30 बजे शुरू होता है और यह लगभग 10 मिनट तक चलता है। समारोह में दोनों देशों के सैनिक शामिल होते हैं और वे एक-दूसरे को सम्मान देते हैं। समारोह के अंत में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे को सलामी देते हैं और फिर सीमा को बंद कर देते हैं।
वाघा बॉर्डर समारोह एक अद्भुत और रोमांचक दृश्य है। यह एक ऐसा अवसर है जब आप भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा को देख सकते हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच के सम्मान को महसूस कर सकते हैं।

जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग आज एक स्मारक है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक शांति और सद्भाव का प्रतीक है। यह बाग हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जलियांवाला बाग में एक संग्रहालय भी है, जिसमें 1919 की घटना के बारे में जानकारी दी गई है।
यदि आप भारत की यात्रा कर रहे हैं, तो आपको जलियांवाला बाग अवश्य देखना चाहिए
अमृतसर किला
अमृतसर किला एक चारदीवारी से घिरा हुआ है और इसमें एक विशाल गेट है। किले के अंदर एक महल है, जिसमें गुरु अर्जुन देव का समाधि स्थल है। किले के अंदर एक गुरुद्वारा भी है, जो सिखों के लिए पूजा का स्थान है। अमृतसर किला एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है और यह हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। किले के अंदर एक संग्रहालय भी है, जिसमें सिख धर्म के इतिहास और गुरु अर्जुन देव के जीवन के बारे में जानकारी दी गई है।

Golden Temple कैसे जाये ?
ट्रेन: अमृतसर में एक बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप किसी भी ट्रेन से अमृतसर जा सकते हैं और फिर वहां से स्वर्ण मंदिर के लिए बस या टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।
बस: अमृतसर में कई बस स्टैंड हैं, जो देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। आप किसी भी बस से अमृतसर जा सकते हैं और फिर वहां से स्वर्ण मंदिर के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
फ्लाइट: अमृतसर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से जुड़ा हुआ है। आप किसी भी एयरलाइन से अमृतसर जा सकते हैं और फिर वहां से स्वर्ण मंदिर के लिए टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।
Golden Temple यात्रा करने से पहले टिप्स
- Golden Temple सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है, लेकिन जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। सबसे पहले, आपको मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारने होंगे। दूसरा, आपको मंदिर में किसी भी तरह की अश्लील या आपत्तिजनक बातें नहीं बोलनी चाहिए। तीसरा, आप मंदिर में किसी भी तरह की फोटो या वीडियोग्राफी नहीं कर सकते हैं।
- Golden Temple घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का होता है। सुबह का समय मंदिर में शांति और सुकून का होता है और शाम के समय मंदिर रोशनी से जगमगाता है।
- Golden Temple एक बहुत ही बड़ा मंदिर है, इसलिए आपको मंदिर में घूमने के लिए समय निकालना होगा।
- Golden Temple के आसपास कई अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, इसलिए आप इन स्थलों को भी देख सकते हैं।
- Golden Temple में एक विशाल रसोई है, जहां हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। आप इस रसोई में जा सकते हैं और भोजन का आनंद ले सकते हैं।
निष्कर्ष
अगर हमारे द्वारा लिखे गए लेख से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमको नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम इसे सुधारेंगे ओर आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। इसी तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट नेक्स्ट वीक ट्रेवल के साथ जुड़े रहें।
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स्वर्ण मंदिर में सोने की मात्रा का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन यह अनुमान लगाया जाता है कि मंदिर में लगभग 100 किलोग्राम सोना है. यह सोना मंदिर के गुंबद, दीवारों और अन्य सजावटों में इस्तेमाल किया गया है
स्वर्ण मंदिर का निर्माण 1588 में शुरू हुआ और यह 1604 में पूरा हुआ. मंदिर का निर्माण गुरु अर्जुन देव ने करवाया था, जो सिखों के पांचवें गुरु थे. उन्होंने कहा था कि सभी धर्मों के लोग इस मंदिर में आकर प्रार्थना कर सकते हैं