Kedarnath Temperature | गर्मी की छुट्टी में केदारनाथ मंदिर है एक अच्छा विकल्प

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क्या आप भी जून के गर्मी भरे मौसम मैं कही घूमने जाने का सोच रहे हैं, तो हम आपको बताना चाहेंगे इस गर्मी की छुट्टी में केदारनाथ मंदिर एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं  Kedarnath Temperature इस समय बहुत सुहाना हो रखा हैं इसलिए केदारनाथ मंदिर के कपाट अप्रैल से अक्टूबर के महीने के बीच मैं खोले जाते हैं पर जैसे अभी दिल्ली के मौसम मैं गर्मी बहुत तेजी से अपनी दस्तक दे रही हैं और चूंकि केदारनाथ मंदिर बर्फ की पहाड़िया से घिरा हुआ हैं तो यहाँ हमेश ही ठंड का मौसम बना रहता हैं और बाबा केदार के दर्शन तो अद्भुत हैं जिनसे लोगो का हृदय भक्ति भाव में मिल जाता हैं

कितने किलोमीटर की चढाई हैं बाबा केदारनाथ की ?

केदारनाथ मंदिर पहुँचने तक की चढाई मात्र 16 किलोमीटर की हैं

कहाँ से शुरू होती हैं बाबा केदारनाथ मंदिर की चढाई ?

गौरीकुंड से शुरू होती हैं चढ़ाई केदारनाथ मंदिर की

गौरीकुंड से कैसे करे चढ़ाई ?

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केदारनाथ का रास्ता मंदाकिनी नदी के पास बहुत खूबसूरत और प्राकृतिक रूप से बनाया जाता हैं केदारनाथ के रास्ते मैं कुछ जगह आपको ऐसी भी मिलेगी जहां आप आराम करके चढ़ाई शुरू कर सकते हैं

जब आप गौरीकुंड से चढ़ाई शुरू करेंगे तो 4 किलोमीटर की दूरी पर भैरोचट्टी आ जायेगा जहां आप आराम कर सकते हैं भैरोचट्टी से जब आगे की चढ़ाई शुरू करेंगे तो यहाँ से 3 किलोमीटर दूर आपको भीमबली जगह मिलेगी यहाँ पर भी आप आराम करके बाबा केदारनाथ की यात्रा के आगे की चढ़ाई शुरू कर सकते हैं जैसे ही आप आगे 4 किलोमीटर की आगे और जायें गे लिंचौली जगह पहुच जाएंगे यहां से Base Camp की दूरी 4 किलोमीटर की रहे जाएगी और Base Camp से आपको दूर से बाबा केदारनाथ मंदिर के दर्शन हो जायेंगे camp से मंदिर की दूरी महज़ 1 किलोमीटर की रहे जाएगी

केदारनाथ में यह जगहे भी हैं घूमने लायक

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1. सोनप्रयाग | Sonprayag

केदारनाथ से 18 किलोमीटर की दूरी पर सोनप्रयाग पड़ता हैं बताया जाता हैं की महादेव और माँ पार्वती का यह विवाह स्थल हैं मंदाकिनी नदी और बासुकी नदी का नजारा देखने लायक होता हैं यहां की बर्फ से ढकी पहाड़िया देखने मैं बहुत लगती हैं

2. त्रियुगीनारायण | Triyuginarayan

केदारनाथ से 15 किलोमीटर पहले त्रियुगीनारायण मंदिर पड़ता हैं हिन्दू धर्म मैं इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक हैं ऐसे कहा जाता हैं भगवान शिव और माँ पार्वती का विवाह जब हुआ था भगवान विष्णु ने विवाह को इस मंदिर से देखा था भगवान ब्रह्मा भी विवाह मैं मौजूद थे इसलिए यहाँ पर आपको भगवान विष्णु भगवान शिव और माँ पार्वती की मूर्ति एक साथ देखने को मिलेगी

3. शंकराचार्य | Shankaracharya

यहां पर शंकराचार्य का मंदिर भी देखने को मिल जायेगा हिन्दू धर्म के विचार एक साथ जोड़ने का काम किया और हिन्दू धर्म के विचारों को एक साथ बनाये रखने का श्रेय शंकराचार्य दिया जाता हैं इस मंदिर के साथ मैं आपको गर्म पानी का झरना मिलेगा जो सभी मौसम मैं गर्म पानी देता हैं

केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे ?

केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं. सबसे आम रास्ता है, ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस या कार से जाना | सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 16 किमी की दूरी है. गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक फिर से पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 5 किमी की दूरी है |

केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच है, जब मौसम अच्छा होता है | हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि केदारनाथ मंदिर एक ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहां जाने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य करा लें |

केदारनाथ मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय

Kedarnath Mandir Timing

केदारनाथ मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच है, जब मौसम अच्छा होता है | इस समय तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और मौसम साफ होता है. इस समय केदारनाथ मंदिर में भी भीड़ कम होती है और आप शांति से केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर सकते हैं |

यदि आप केदारनाथ मंदिर घूमने की सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले, आपको अपने सेहत की जांच जरूर करा लेनी चाहिए | केदारनाथ मंदिर एक ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहां पर हवा की कमी हो सकती है. आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप भरपूर पानी पीना चाहिए और ऊंचाई के कारण होने वाली समस्याओं से बचना चाहिए |

आपको केदारनाथ मंदिर जाने के लिए सही कपड़े पहनने चाहिए | केदारनाथ मंदिर में ठण्ड होती है, इसलिए आपको गर्म कपड़े पहनने चाहिए | आपको अपने साथ एक छाता या रेनकोट भी रखना चाहिए.

यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आप केदारनाथ मंदिर घूमने का आनंद उठा सकते हैं |

केदारनाथ मंदिर यात्रा करने से पहले टिप्स

Kedarnath Mandir
  1. केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच है, जब मौसम अच्छा होता है. हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि केदारनाथ मंदिर एक ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहां जाने से पहले अपने सेहत की जांच जरूर करा लें.
  2. केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए कई अहम मार्ग हैं. सबसे आम मार्ग है, ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस या कार से जाना. सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 16 किमी की दूरी है. गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक फिर से पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 5 किमी की दूरी है.
  3. केदारनाथ मंदिर जाने से पहले अपने साथ भरपूर भोजन, पानी और कपड़े ले जाएं |
  4. केदारनाथ मंदिर में ऊंचाई के कारण आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है | इसलिए, धीरे-धीरे चलें और भरपूर पानी पीते रहे |
  5. केदारनाथ मंदिर में धूप बहुत तेज होती है | इसलिए, अपने साथ सनस्क्रीन, टोपी और चश्मा भी रखें.
  6. केदारनाथ मंदिर में बहुत भीड़ होती है | इसलिए, सुबह जल्दी या शाम को मंदिर जाने की कोशिश करें |
  7. केदारनाथ मंदिर एक पवित्र स्थल है | इसलिए, मंदिर में प्रवेश करते समय अपने कपड़े साफ और धैर्य रखें.

केदारनाथ मंदिर घूमने का खर्च

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दिल्ली से केदारनाथ मंदिर घूमने का खर्च आपके बजट और यात्रा के समय पर निर्भर करता है | हालांकि, एक सामान्य अनुमान के अनुसार, आपके लिए दिल्ली से केदारनाथ मंदिर घूमने में लगभग 5000 – 10,000 रुपये का खर्च आएगा | इस खर्च में शामिल है:

परिवहन: दिल्ली से केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आप बस, कार या हेलीकॉप्टर का उपयोग कर सकते हैं | बस का किराया लगभग 500 रुपये, कार का किराया लगभग 1,000 रुपये और हेलीकॉप्टर का किराया लगभग 10,000 रुपये है.

होटल : केदारनाथ मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और होटल हैं | धर्मशालाओं में रहने का खर्च लगभग 100 रुपये प्रति रात है, जबकि होटलों में रहने का खर्च लगभग 500 रुपये प्रति रात है.

भोजन: केदारनाथ मंदिर के पास कई रेस्तरां हैं. रेस्तरां में भोजन का खर्च लगभग 200 रुपये प्रति व्यक्ति है.

अन्य खर्च: अन्य खर्चों में शामिल हैं, टैक्सी का किराया, गाइड का के पैसे, आदि.

यदि आप दिल्ली से केदारनाथ मंदिर घूमने का बजट बना रहे हैं, तो आप इन सभी खर्चों को ध्यान में रख सकते हैं. आप अपने बजट के अनुसार यात्रा की योजना बना सकते हैं.

निष्कर्ष

अगर हमारे द्वारा लिखे गए लेख से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमको नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम इसे सुधारेंगे ओर आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। इसी तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट नेक्स्ट वीक ट्रेवल के साथ जुड़े रहें।

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केदारनाथ मंदिर के कपाट नवम्बर महीने के आस पास बंद किये जाते हैं क्योंकि इस समय केदारनाथ मंदिर पर बर्फ भारी बहुत ज्यादा होने लगती हैं जिसे श्रद्धालु को आने जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं
 
केदारनाथ मंदिर के कपाट वह के मौसम पर निर्भर करता हैं की कपाट कब खोले जाये | ज्यादा बर्फ भारी होने के कारण कपाट खोलने की तारीख आगे पीछे होती रहती हैं
केदारनाथ मंदिर पहुँचने तक की चढाई मात्र 16 किलोमीटर की हैं
 

केदारनाथ मंदिर भारत के चार धाम यात्रा मैं से एक हैं इसलिए इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक हैं

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ज़िन्दगी में 1 बार इस हिल स्टेशन पर नहीं गए तो क्या घूमे। इंडिया की सबसे खूबसूरत जगहे कश्मीर या गोवा नहीं बल्कि ये है। केदारनाथ के रहस्य जो शायद आप नहीं जानते होंगे।