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- July 1, 2023
- 7:29 am
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कसोल घूमने का अपना एक अलग मजा है | यह की सुन्दर वादिया, पेड, पौधे, सब कुछ देखने लायक होता है | बर्फ से ढकी पहाड़िया और शांति ऐसी महसूस करती है की मानो स्वर्ग तो यही बस्ता है नेचर को बहुत से देखने के लिए आपको कसोल तो जरूर जाना चाइये | कसोल के आस-पास भी बहुत कुछ जगह देखने लायक है मानिकरण, शिव मंदिर सहित सभी स्थलो पर पर्यटकों को जमावड़ा लगा रहता है तो आप जब कसोल घूमने का प्लान करो तो इन जगहों को भी एक्स्प्लोर करे और अपनी यात्रा को और अच्छा बनाये | इसके बारे में हम नीचे पड़ते है…
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा किसी चमत्कारी तीर्थस्थल से कम नहीं है। इस गुरूद्वारे को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है | यहां मणिकरण साहिब गुरुद्वारा कुल्लू से यह 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | इस गुरूद्वारे की अनोखी बात ये है कि यह र्फीली ठण्ड में भी पानी उबलता रहता है। मान्यताो के अनुसार ये शेषनाग के गुस्से के कारण यह पानी उबलता रहता है। यह भी मान्यता है कि यहां मौजूद इस गर्म पानी में जो कोई भी स्नान करता है , उसकी कई बीमारियां जड़ से ख़त्म हो जाती है
पार्वती नदी
पार्वती नदी मनतलाई ग्लेशियर, से उत्पन्न होती है ये नदी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है | नदी उत्तर में पार्वती घाटी के माध्यम से कुल्लू के पास ब्यास नदी में बहती है। जिंदगी की पेरशानियों से दूर आप यहाँ पानी के बीच बैठकर कुछ समय शांति से बिता सकते हैं | ये जगह एडवेंचर करने वालो के लिए भी एकदम बेस्ट है | आप यहाँ बहुत तरीके की एक्टिविटी कर सकते है जैसे मछली को पकड़ना नाहने का मजा उठाना और बहुत कुछ कर सकते है
शिव मंदिर
शिव मंदिर मसूरी रोड पर घंटाघर से करीब 12 किमी दुरी पर स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यह मंदिर काफी लोकप्रिय होने की वजह से यहाँ पर्यटकों को आना जाना लगा रहता है | देश के कुछ मंदिर ऐसे होंगे जो किसी भी प्रकार के दान को स्वीकार नहीं करते। इस मंदिर की खासियत है, कि जो भी भक्त भोलेनाथ से कुछ भी मांगता है , महादेव उनकी मुरादे सुनते है और जल्द ही उनके सभी काम भगवन शिव पूरा कर देते है
तोष गांव
यह गांव पार्वती घाटी पर स्थित है। ऐसा लगता है. यह गावं प्राकृति की गोद में बैठा हुआ है | इस गांव की ऊंचाई समुद्रतल से करीब 7,900 फ़ीट है | यह गांव शहर की भाग दौड़ से बहुत दूर है इसलिए आप यहाँ आकर शांति और सुकुन महसूस करेंगे। यहाँ गांव को मिनी कश्मीर भी बोला जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्यूँकि यह पर कश्मीर की तरह ही आपको बर्फ से ढकी पहाड़ी , झीले , झरने देखने को मिलेंगे।
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खीरगंगा
पार्वती घाटी में स्थित खीरगंगा समुद्र से 2960 मी ऊंचाई पर बसा एक छोटा सा ट्रैक है | जो लोग ट्रैकिंग और एडवेंचर के शौकीन है मानो ये जगह उनके लिए जन्नत से कम नहीं है। यहां पर आपको ट्रैकिंग के लिए 10 किमी लंबा रास्ता चलना पड़ेगा। जो ज्यादा मुश्किल काम नहीं है।
तीर्थन घाटी
तीर्थन घाटी हरे-भरे हरियाली और ठंडी हवा के बीच हर कोई जाना पसंद करता है। यहाँ पर आपको सुख और शांति का ऐसा अनुभव होगा की आप अपनी परेशानी को भूलकर यहाँ की हवा में खो से जायँगे | इस लिए पर्यटकों का लोकप्रिय केंद्र बना हुआ है |
चलल गांव
चलल गांव पार्वती घाटी में स्थित है | इस गांव की ऊंचाई समुद्र तल से 5 हजार फीट है | वैसे भी यह घाटी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है | यहां से लोग बर्फ से ढंके हुए पहाड़ो को देख सकते हैं, कसोल से महज 30 मिनट की दूरी पर चलल गांव स्थित है | यहां पर आपको हिमाचल प्रदेश के गांवों की असली सुंदरता देखने को मिलेगी| इस गांव में आप एडवेंचर्स एक्टिविटी और कैंपिंग का आनंद भी उठा सकते है | इस गांव के पास पार्वती नदी को बहता हुए देख सकते हैं | चलल गांव के साथ ही यहां आप कसोल भी घूमने का मजा उठा सकते है क्योंकि कसोल और चलल गांव एक-दूसरे के बेहद पास हैं.
नग्गर गांव
कसोल में नग्गर गांव एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस जगह कभी एक महल हुआ करता था जिसको अब एक होटल में बदल दिया गया है | इस गांव का निर्माण कुल्लू के राजा सिद्ध सिंह द्वारा सन 1460 के समय कर वाया गया था। नग्गर गांव कसोल में अब पर्यटकों के लोकप्रिय स्थान बन चूका है | लोग यह दूर-दूर यह के नज़ारे को देखने के लिए आते है । कुल्लू से इस महल की दुरी महज 23 किमी है और इस गांव रास्ता साफ़ और सुन्दर होने की वजह से आप यह सड़क द्वारा भी आ सकता है। आप यह टैक्सी को किराए पर लेकर आसानी से इस होटल पहुंच सकते हैं। हेरिटेज हॉटेल में परिवर्तित यह कसोल में एक रात बिताने के लिए एक बहुत शानदार जगह है।
मलाणा गांव
मलाणा गांव समुन्दर तल से करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है | खूबसूरत वादियों से घिरा यह गांव दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है | यह गांव अक्सर अपनी अजब गजब बर्ताव के लिए जाना जाता है माना जाता है , कि सिकंदर के जमाने की एक तलवार इस गांव के मंदिर में रखी हुई है | इस गांव कई ऐतिहासिक किस्से हैं, जो अभी तक रहस्य हैं |
नैणा भगवती मंदिर
नैना देवी एक प्रसिद्ध मंदिर जो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित है। शिवालिक पर्वतों के बीच बसा यह विशाल मंदिर काफी चमत्कारिक माना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, यहां पर माता सती के नैन गिरे थे, जिसकी वजह से इन शक्तिपीठ का नैना देवी नाम पड़ा। इस मंदिर में दो नेत्र मां नैना देवी को दर्शाते हैं। मंदिर में पीपल के कई पेड़ हैं, माना जाता हैं कि यह कई सदी पुराने हैं। इस मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां मंदिर देखने मैं बहुत ज्यादा अच्छा लगता है ऐसा माना जाता है की आजतक मां नैना देवी के मंदिर से कोई भी सेवक खाली हाथ लौटकर नहीं गया है।
कसोल कैसे पहुंचे
हवाई जहाज: कसोल का नजदीकी हवाई अड्डा कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है, जो कसोल से लगभग 50 किमी दूर स्थित है | आप दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर और अन्य प्रमुख शहरों से कुल्लू मनाली हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर सकते हैं |
रेल: कसोल का नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन है, जो कसोल से लगभग 250 किमी दूर है | आप दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर और अन्य प्रमुख शहरों से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं.
बस: कसोल के लिए कई बसें चलती हैं. सबसे लोकप्रिय बसें हैं:
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बसें
प्राइवेट बसे
कार: कसोल की दूरी दिल्ली से लगभग 250 किमी है | आप अपनी कार से भी कसोल जा सकते हैं | कसोल पहुंचने में लगभग आपको 6-7 घंटे का समय लगता हैं |
कसोल यात्रा करने से पहले टिप्स
- कसोल जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई और सितंबर से अक्टूबर के बीच है. इस समय मौसम सुहाना हो जाता है और तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है |
- कसोल जाने के लिए आप दिल्ली से ट्रेन या बस ले सकते हैं| दिल्ली से कसोल की दूरी लगभग 250 किमी है|
- कसोल में रहने के लिए कई होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस हैं | आप अपनी बजट के अनुसार कोई भी जगह चुन सकते हैं |
- कसोल में घूमने के लिए कई जगहें हैं | आप यहां झरनों, मंदिरों, रेस्तरां और बार देख सकते हैं | आप यहां पैदल घूम सकते हैं, बाइक चला सकते हैं या ट्रैकिंग भी कर सकते हैं |
- कसोल में खाने के लिए कई तरह – तरह के भोजन मिलते हैं | आप यहां भारतीय, हिमाचली और उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं.
- कसोल में खरीदारी के लिए भी कई जगहें हैं | आप यहां हाथ से बने सामान, कपड़े खरीद सकते हैं |
- कसोल एक खूबसूरत जगह है और यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है | अगर आप एक शांतिपूर्ण और सुंदर जगह की तलाश कर रहे हैं, तो कसोल आपको जरूर जाना चाहिए |
निष्कर्ष
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कसोल ट्रिप के लिए आपको कम से काम 3-4 दिन का प्लान तो जरूर करना चाहिए | आप इस समय में कसोल के प्रमुख आकर्षणों को देख सकते हैं |