Haridwar to Kedarnath Travel Guide | हरिद्वार से केदारनाथ का सफर कैसे तय करे ?

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हरिद्वार से केदारनाथ धाम तक की दूरी - 252 किलोमीटर

हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी लगभग 225 किलोमीटर है। यह दूरी सड़क मार्ग द्वारा यात्रित की जा सकती है। सड़क मार्ग पर यात्रा करने पर आपको गौरीकुंड, रामपुरी, फाट और लिंक रोड जैसे स्थानों से गुजरना पड़ेगा। इस मार्ग पर यात्रा करने के दौरान आप श्रीकेदार, रुद्रप्रयाग और त्रियुगी नारायण जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को भी देख सकते हैं। यात्रा का समय और दूरी यात्रा के विभिन्न कारणों पर निर्भर करेगी जैसे कि सड़क की स्थिति, यात्रा की मध्यवर्ती रुकावटों का होना आदि।

नोट: यह दूरी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड के बाद आने वाले केदारनाथ ट्रेक सहित केदारनाथ मंदिर से सीधे है।

रेलमार्ग अगर आप रेल में अपने हरिद्वार के सफर को तय करना चाहते है बताना चाहेंगे की रेलवे का सफर आपके लिए यादगार साबित हो सकता ह। केदारनाथ से हरिद्वार रेलवे स्टेशन के दूरी लगभग 274 किलोमीटर है और कोटद्वार रेलवे स्टेशन 260 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। दोस्तों के साथ किसी वभी सफर पर जाने का सबसे अच्छा ट्रैन है जिसमे आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ हसी मज़ाक और सफर का मज़ा लेते हुए अपने सफर को और भी ज़्यादा सुहाना बना सकते है। 

ऊँचाई जैसे की आप जानते है की उत्तराखंड क्षेत्र के पहाड़ी इलाके में स्तिथ हिमालय पर्वत पर केदारनाथ धाम करीबन 3581 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। जहा जाने से पहले आप ये सुनश्चित ज़रूर करले क्युकी इस यतरा में आप 12 साल से कम उम्र और 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों को यहां की यात्रा को करने से बचना चाहिए क्योंकि केदारनाथ यात्रा पर चढ़ाई के समय ऑक्सिजन लेवल कम रहता है। 

सही मौसम और समय हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय है अप्रैल से अगस्त का समय क्युकी इन दिनों मौसम रात्रि में ठंडा काफी सुहाना भी रहता है। सितम्बर से नवंबर के समय में दिन के समय ठण्ड होती है और रात के समय बहुत ज़्यादा सर्दी होती है। अगर आपको केदारनाथ की कड़कड़ाती ठण्ड से बचना है तो नवंबर से मार्च तक से समय में यह ना जाते क्युकी इस समय तापमान शुन्य डिग्री तक होता है। 

भाषा ज़्यादातर उत्तराखंड में गढ़वाली भाषा का प्रयोग किया जाता है लेकिन हिंदी भाषा का भी वह पर काफी प्रयोग किया जाता है तो आपको की से संपर्क करने में कोई परेशानी नहीं आने वाली।  ज़रूरत पढ़ने पर वह पर अंग्रेजी भाषा का प्रायोड किआ जाता है, और भाषा वह के लिए कोई बड़ी परेशानी की बात नहीं है। 

हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा का खर्च

हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा का खर्च रेल, सड़क और हवाई मार्ग से भिन्न होगा। ये खर्च निचे दिए गए कारकों पर निर्भर करता है :

रेल मार्ग: हरिद्वार से गौरीकुंड तक के लिए कोई रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं है। आपको हरिद्वार से सोनप्रायाग तक ट्रेन से जाना होगा, और वहां से आपको बस, टैक्सी या प्राइवेट वाहन का उपयोग करके गौरीकुंड जाना होगा। इसमें ट्रेन की किराया, बस या टैक्सी का भाड़ा और अन्य यात्रा संबंधित खर्च शामिल होगा।

सड़क मार्ग: अपने सफर को सुनहरा और यादगार बनाने के लिए आप सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते है। इसमें आपको बस, टैक्सी या खुद का वाहन किराए पर लेने की ज़रूरत पद सकती है। इसमें इतर किराया, पेट्रोल खर्च, टोल टैक्स और महाखुंड में रहने की आवश्यकता होने पर होटल और खान-पान का खर्च शामिल होगा।

हवाई मार्ग: हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा के लिए कोइये कोई सीधे हवाई मार्ग तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन आप हरिद्वार से रांची या देहरादून जैसे करीबी किसी हवाई अड्डे तक हवाई यात्रा कर सकते है, और फिर आपको सड़क या हेलीकाप्टर का उपयोग करना होगा केदारनाथ जाने के लिए। इसमें हवाई यात्रा की टिकट की कीमत, हेलीकॉप्टर किराया और अन्य खर्च शामिल होंगे।

मार्ग स्थान | Route Map

हरिद्वार → ऋषिकेश → देवप्रयाग → श्रीनगर → अगस्तमुनि → गुप्तकाशी → सोनप्रयाग → गौरीकुंड अंत में केदारनाथ मंदिर के लिए 16 किमी की यात्रा।

हरिद्वार से ऋषिकेश से देवप्रयाग से श्रीनगर तक रुद्रप्रयाग से तिलवारा से अगस्तमुनि से कुंड तक।

कुंड पहुंचने के बाद आपको गुप्तकाशी फाटा जाना होगा उसके बाद रामपुर फिर सोनप्रयाग तो गौरकुंड और फिर आखिर में आप केदारनाथ टेम्पल की ट्रैकिंग करने के लिए शुरुआत कर सकते है 

गौरीकुंड एक हिंदू तीर्थ स्थल और केदारनाथ मंदिर की यात्रा के लिए आधार शिविर है

लेकिन अगर आप अपनी कार से यात्रा कर रहे हैं तो कार से सोनप्रयाग आपका आखिरी गंतव्य होगा। क्योंकि पार्किंग की सुविधा सोनप्रयाग में ही उपलब्ध है।

केदारनाथ मंदिर यात्रा करने से पहले टिप्स

  1. केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच है, जब मौसम अच्छा होता है. हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि केदारनाथ मंदिर एक ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहां जाने से पहले अपने सेहत की जांच जरूर करा लें.
  2. केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए कई अहम मार्ग हैं. सबसे आम मार्ग है, ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस या कार से जाना. सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 16 किमी की दूरी है. गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक फिर से पैदल चलना पड़ता है, जो लगभग 5 किमी की दूरी है.
  3. केदारनाथ मंदिर जाने से पहले अपने साथ भरपूर भोजन, पानी और कपड़े ले जाएं |
  4. केदारनाथ मंदिर में ऊंचाई के कारण आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है | इसलिए, धीरे-धीरे चलें और भरपूर पानी पीते रहे |
  5. केदारनाथ मंदिर में धूप बहुत तेज होती है | इसलिए, अपने साथ सनस्क्रीन, टोपी और चश्मा भी रखें.
  6. केदारनाथ मंदिर में बहुत भीड़ होती है | इसलिए, सुबह जल्दी या शाम को मंदिर जाने की कोशिश करें |
  7. केदारनाथ मंदिर एक पवित्र स्थल है | इसलिए, मंदिर में प्रवेश करते समय अपने कपड़े साफ और धैर्य रखें.

निष्कर्ष

अगर हमारे द्वारा लिखे गए लेख से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमको नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम इसे सुधारेंगे ओर आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। इसी तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट नेक्स्ट वीक ट्रेवल के साथ जुड़े रहें।

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हरिद्वार से केदारनाथ मंदिर जाने के लिए सोनप्रयाग तक डेली बस चलती है, जिसका किराया मात्र एक व्यक्ति के लिए ₹ 800 के आसपास होता है ।
 
हरिद्वार से केदारनाथ तक सड़क के रास्ते से यात्रा करने का यह सबसे छोटा, जल्दी और सबसे अच्छा मार्ग है। इस रास्ते पर हरिद्वार और केदारनाथ के बीच की दूरी लगभग 232 किमी है और इसमें तक़रीबन लगभग 8 घंटे लगते हैं।
केदारनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो दिल्ली से लगभग 452 किलोमीटर और हरिद्वार से 240 किलोमीटर दूर है। अपने दूरस्थ स्थान के कारण, केदारनाथ धाम को हमेशा एक कठिन तीर्थयात्रा माना जाता है। देहरादून और हरिद्वार से हेलीकॉप्टर सेवा केदारनाथ को भक्तों के लिए सुलभ बनाती है ।
 

केदारनाथ मंदिर भारत के चार धाम यात्रा मैं से एक हैं इसलिए इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक हैं

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केदारनाथ मंदिर के कपाट नवम्बर महीने के आस पास बंद किये जाते हैं क्योंकि इस समय केदारनाथ मंदिर पर बर्फ भारी बहुत ज्यादा होने लगती हैं जिसे श्रद्धालु को आने जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं
 
केदारनाथ मंदिर के कपाट वह के मौसम पर निर्भर करता हैं की कपाट कब खोले जाये | ज्यादा बर्फ भारी होने के कारण कपाट खोलने की तारीख आगे पीछे होती रहती हैं
केदारनाथ मंदिर पहुँचने तक की चढाई मात्र 16 किलोमीटर की हैं
 

केदारनाथ मंदिर भारत के चार धाम यात्रा मैं से एक हैं इसलिए इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक हैं

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ज़िन्दगी में 1 बार इस हिल स्टेशन पर नहीं गए तो क्या घूमे। इंडिया की सबसे खूबसूरत जगहे कश्मीर या गोवा नहीं बल्कि ये है। केदारनाथ के रहस्य जो शायद आप नहीं जानते होंगे।