कोणार्क सूर्य मंदिर के गुप्त रहस्य ।

विशालकाय चुंबक

बताया जाता है की इस मंदिर  पर एक ख़ास विशाल चिम्बक लगी होती थी जिससे मंदिर में मौजूद सूर्यदेव की मूर्ती हवा में लटकी रहती थी।

तीन मंडप

जो आप देखते है वह पूरा मंदिर नहीं है उसमे पूरे तीन मंडप हुआ करते थे जिनमे दो मंडप पूरी तरह पहले ही नष्ट हो चुके थे।

गायब हुआ शिखर

कहते है की आज यह मंदिर जितना ऊँचा दिखाई पड़ता है ये उससे कही ज़्यादा ऊँचा पहले थे और समुद्र के जहाज़ों से इसको काफी दूर से देखा जा सकता था।

118 साल से बंद

कहा जाता है की 1903 में आज से 118 साल पहले इस मंदिर के ढांचे के कमज़ोर हो जाने के कारण से इसमें रेत भरकर सारे दरवाज़ों को सील करदिया गया था।

मंदिर के पत्थरों का रहस्य

मंदिर का निर्माण काले पत्थर से हुआ है, यह पत्थर मंदिर से 20 किलोमीटर दूर एक खदान से लाया गया था लेकिन कैसे वो आज तक एक रहस्य है।

मंदिर की मूर्तियाँ

मंदिर की बाहरी दीवारों पर हजारों मूर्तियाँ हैं, मूर्तियों में भगवान सूर्य देव और देविया है और इतनी बारीकी से उनको किसने और कैसे बनाया वो एक रहस्य है।

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